कोई पोस्ट नहीं.
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हास्य जीवन का प्रभात है, शीतकाल की मधुर धूप है तो ग्रीष्म की तपती दुपहरी में सघन छाया। इससे आप तो आनंद पाते ही हैं दूसरों को भी आनंदित करते हैं। हास-परिहास पीड़ा का दुश्मन, निराशा और चिंता का अचूक इलाज और दुःखों के लिए रामबाण औषधि है।
जो बिना वजह हंस सकते हैं, इस संसार में उनका जीना आसान हो जाता है। जो लोग कभी नहीं हंसते ऐसे खतरनाक लोगों से बचकर रहिये।